बदनावर में 16 जून को विहार सम्मेलन के माध्यम से होगा साधु और सेवक का अदभूत मिलन
विहार परिवार करेगा 500 विहार सेवकों का बहुमान
बदनावर। गणिवर्य श्री पद्मचंद्र सागरजी एवं गणिवर्य श्री आनंदचंद्र सागरजी की पावन निश्रा में विहार परिवार बदनावर द्वारा मध्यप्रदेश के प्रथम विहार सेवक सम्मेलन का आयोजन रविवार 16 जून को बदनावर नगर में आयोजित होगा। यह सम्मेलन स्थानीय जैन धर्मशाला में आयोजित होगा। उक्त सम्मेलन बदनावर नगर के इतिहास के पन्ने पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो जाएगा। सम्मेलन में मध्यप्रदेश के 80 नगरों से 500 विहार सेवकों के यहां आने की स्वीकृति सम्मेलन आयोजक विहार परिवार को प्राप्त हुई है। सम्मेलन में गणिवर्य श्रीजी द्वारा साधु और सेवक के बीच में क्या संबंध है ? वर्तमान में साधु साध्वी के साथ हो रही दुर्घटनाओं पर रोक लगाने एवं साधु साध्वी भगवंत की निर्दोष सेवा के बारे में विशेष महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। जो आज के भाग दौड़ के समय में समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है।
विहार सेवकों का होगा बहुमान
निलेश कोठारी (कश्यप) ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि साधु साध्वी भगवंत चार माह के चातुर्मास काल के दौरान एक ही नगर में एक ही धर्म स्थान पर ठहरकर अपनी साधना आराधना करने के साथ श्रीसंघ के श्रावक श्राविकाओं को भी आराधना से जोड़ते हैं। वहीं चार माह बाद शेषकाल के आठ माह उनका विभिन्न क्षेत्रों में विचरण होता है। उस समय विचरण के दौरान एक गांव से दूसरे गांव तक उनके साथ विहार में पैदल चलकर विहार सेवा देना कोई सामान्य बात नहीं है। जो भी विहार सेवक आदि विहार सेवा देते है उनकी जितनी भी अनुमोदना करे कम ही होगी। सम्मेलन में मध्यप्रदेश के उत्कृष्ट विहार परिवार, विहार सेवक, वड़ील (वरिष्ठ/वृद्ध) विहार सेवक, बाल विहार सेवक, संध्या विहार सेवक एवं दौलत सागर रत्न से सम्मानित किया जाएगा। सम्मेलन में विहार सेवकों, जैनेत्तर विहार सेवकों एवं विहार धाम संचालकों का बहुमान किया जाएगा।
श्रीसंघ के सानिध्य में होगा सम्मेलन
विहार सम्मेलन का आयोजन श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक श्री संघ के सानिध्य में विहार परिवार बदनावर द्वारा आयोजित किया जा रहा है। उक्त आयोजन की रूपरेखा को मूर्तरूप देने के समय से ही इस सम्मेलन को लेकर विहार परिवार के सदस्यों में जबरदस्त उत्साह छलक रहा था।