सोया प्लांट संबधीत समस्याओं के निराकरण हेतु 2 महिने का अल्टिमेटम– विधायक शेखावत –
सोया प्लांट प्रबंधन ने विधायक के सामने नौकरी का खोला पिटारा, टेक्निषियन हेतु रिजयुम मांगे
छोटी समस्या का समय पर निराकरण नहीं होने से विकराल रुप ले लेती है- विधायक शेखावत
बदनावर। सोया प्लांट लगने के बाद से ही क्षेत्र में कई समस्याएं आने लगी थी। स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने की समस्या सबसे बडी थी। प्लांट लगने से गांव में जल जमाव से ग्रामीण परेशान है। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा समस्या को दरकिनार किया जाने से नाराज लोगों ने कई बार विधायक शेखावत को शिकायत की थी। विधायकजी ने सोमवार को युवाआंें एवं ग्रामीणों के हितार्थ आंदोलन किया जाना था। किंतु प्रशासन के निवेदन पर स्थानीय डाक बंगले पर ग्रामीणों की समस्या को सुनकर सोया प्लांट के प्रबंधन को बुलवाया गया। विधायकजी द्वारा सभी ंिबंदूओं पर सोया प्लांट के अजीत मनी एवं अमित ओझा से चर्चा की गयी। ग्रामीणों की समस्या का निराकरण दो माह में करने हेतु आश्वस्त किया गया। सोया प्ंलाट के विरुध बडी संख्या में ग्रामीण पहुॅचे थे।
मीडिया प्रभारी महेश पाटीदार ने बताया कि सोया प्लांट के विरुध आंदोलन होने की सूचना पर सैकडों लोग खेरवास पहुॅच गये। जहां सुरक्षा की दृश्टि से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। विधायक भंवरसिंह शेखावत भी खेरवास जाने हेतु बदनावर पहुॅच गए थें। किंतु प्रशासन के निवेदन पर आंदोलन करने वाले ग्रामीणों एवं युवाओं को डाक बंगले पर ही बुला लिया गया। जहां ग्रामीणों ने सोया प्लांट से होने वाली समस्याओं को पिटारा खोल दिया। फैक्ट्री में स्थानीय लोगों को रोजगार से वंचित रखना, जल जमाव से हो रही परेशानी, स्कुल परिसर में खेल ग्राउंड की बदहाल स्थिती, कारोदा मार्ग की दयनीय हालात सहीत कई मुद्दे सामने आए।
सोया फैक्ट्री के अजीत मनी ने विधायकजी द्वारा बतायी गयी समस्याओं पर गंभीरता दिखाते हुए कहा कि टेक्निकल एवं आईटीआई के लोग अपना रिजूयम दे सकते है। यहां पद रिक्त नही पर उन्हे अन्यत्र पदस्थ कर रोजगार दिया जाएगा। साथ ही फैक्ट्री में वर्तमान 55 प्रतिशत वर्कर मप्र के है। विधायकजी ने जो समस्याएं बतायी गई है उनका निराकरण 2 माह में किया जाएगा
ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधी रजनीश मालवीय ने बताया कि पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने कई जगह जल जमाव होने से भारी परेषानी होती है। फैक्ट्री प्रबंधन को कई बार बोलने पर भी तव्वजों नहीं दी गयी। गांव के सभी मार्ग भारी वाहन से खराब होने के बावजुद ध्यान नहीं दिया गया। फैक्ट्री में बने तालाब के पानी से बस्ती डूब जाने की संभावना है। गांव खेरवास की छोटी-छोटी समस्याओं की भी सुनवाई नही होती है। इस संबंध में एसडीएम बदनावर को आवेदन दिय गए है।
विधायक भंवरसिंह शेखावत का कहना है कि क्षेत्र में उधोग लगने से जनता को लाभ मिलना चाहिए। उधोग लगने के पहले जो जो वादे किये गए थे, उनपर अमल होना चाहिए। हालांकि फैक्ट्री के सामने युवाओं का आंदोलन होना था। किंतु प्रशासन के निवेदन पर डाक बंगले पर फैक्ट्री के प्रबंधन अधिकारियों को बुला कर सम्स्याओं के निराकरण हेतु बातचीत की गई। जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, भारी वाहन से खराब हुए सडक दुरस्त की जावे, जल भराव से होने वाली परेशानी से निजात मिले, एवं जो वादे किए थें उस पर अमल करने सहीत कई मुद्दो पर चर्चा की गयी है। चर्चा के बाद फैक्ट्री अधिकारियों को 2 माह का समय दिया गया है। यदि समस्या का उचित निराकरण नहीं होता है तो फिर मौर्चा खोला जा सकता है। शेखावत ने आगे कहा कि समस्या छोटी रहती है किंतु समय पर निराकरण नहीं होने पर बडी बन जाती है।