बदनावर। नई पीढ़ी में धार्मिक शिक्षण, संस्कृति और संस्कार प्रदान करने लिए जैन समाज द्वारा राजस्थान के चितौढ़गढ़ में अभिमोक्षम शिविर का आयोजन दस मई से किया जा रहा है। इसमें देश भर के दस राज्यों से करीब ढाई हजार स्टूडेंट भाग लेंगे। जिसमें नगर से भी छ छात्र भी शामिल होने के लिए गुरूवार अलसुबह यहां से रवाना हो गए है।
ग्रीष्मकाल के अवकाश के दौरान आधुनिक चकाचौंध में रमे हुए बच्चों को खेलकूद, सैरसपाटा, चटपटे व्यजंन, आईस्क्रमी और कार्टून पंसद है तो मोबाइल पर गेम खेलने का भी खासा शौक रखते हुए मौज मस्ती में व्यवस्त रहना पंसद करते है। इन सबसे इतर साधुमार्गी जैन संघ आचार्यश्री रामेश रामलालजी व उपाध्याय श्री राजेशमुनि समेत करीब 847 संत साध्वियों के सानिध्य में चितौढ़गढ़ में यह शिविर होने जा रहा है। जिसमें मप्र समेत राजस्थान, छतीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, तेलागांना, आंध्रप्रदेश, तमिलानाडु के करीब दो हजार 500 बच्चें नौ से 18 वर्ष तक की आयु के शिविर में हिस्सा लेंगे। इस शिविर में 16 दिनों तक बच्चे अपने माता पिता, परिवार, दोस्त यहां तक कि मोबाईल इंटरनेट से दूर रहेंगे। इस दौरान जिन कक्षाओं में 12 घंटे गुजारंेगे वहां एसी भीषण गर्मी में भी न तो एसी होगा ना कूलर व पंखे चलेंगे। खिड़कियों व दरवाजों से आने वाली प्राकृतिक हवाओं के बीच ही ज्ञानार्जन करेंगे। जीवन मूल्य, धार्मिक सामाजिक संस्कार व आध्यात्मिक की शिक्षा ग्रहण करेंगे। इसके लिए विषयवार 70 शिक्षकों में 47 स्वयं सत साध्वी और बाकी भी जैन दर्शन के लिए विद्वान स्वाधयायी मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय स्तर का जैन आचार संहिता वाला शिविर देश में पहली बार हो रहा है। स्वजन भी बच्चांे से सीधी बात करने की बजाय हेल्पलाईन नंबर पर हालचाल जान सकेंगे।
बदनावर के छ बच्चें हो शामिल
बदनावर से भी इस आध्यात्मिक शिविर में छ बच्चे शामिल होने के लिए रवाना हुए है। इनमें 14 हर्षिता नीतेश व्होरा, 12 वर्षीय हित नितेश व्होरा, 14 वर्षीय क्रति आशीष श्रीश्रीमाल, 14 वर्षीय हिया मोनेश श्रीश्रीमाल, 15 वर्षीय नीवी संदीप बाफना एवं 10 वर्षीय वीरम वैभव टच शामिल है।