ऐसे हैं हमारे महिला बाल विकास विभाग केंद्रीय कैबिनेट
राज्यमंत्रीदिल्ली/डेस्कहमारे देश में नौकरी पाने के लिए डिग्री या शिक्षा की आवश्यकता होती है। किंतु देश के सर्वोच्च सदन में पहुंचने के लिए शिक्षा का कोई बंधन नहीं है। काफी लंबे समय से इस प्रकार की मांग आ रही है कि जो जन प्रतिनिधी निर्वाचित होते हैं उनके भी लिए भी शिक्षा का मापदंड तय किया जाना आवश्यक है ।किंतु सर्वोच्च सदन द्वारा इस और कभी ध्यान में नहीं दिया गया। नहीं किसी प्रकार की पॉलिसी बनाई गई ।कारण इस प्रकार की पॉलिसी बनाने में सबसे पहले राजनीतिक दल ही प्रभावित होंगे ।देश में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं कि जिस विभाग की एबीसीडी पता नहीं होती है जनप्रतिनिधि वहां के मुखिया बन जाते हैं ।हाल ही में ऐसा ही एक मामला धार जिले की केंद्रीय कैबिनेट राज्यमंत्री सांसद सावित्री ठाकुर के बारे में भी सामने आया है
मंत्री सावित्री ठाकुर स्कूल चले हम अभियान के तहत एक स्कूल में पहुंची थी और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, का स्लोगन लिखना था । किंतु महिला एवं बाल विकास विभाग राज्य मंत्री इस शब्द को भी सही से बोर्ड पर अंकित नहीं कर पाए। क्या हमारा देश ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा?