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वो अंधा कानून था वह अंधा कानून_अंग्रेज चले गए, अंधा कानून छोड़ गए

वो अंधा कानून था वो अंधा कानून_अंग्रेज चले गए, अंधा कानून छोड़ गए,

आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह अपराधिक नए कानून प्रभावशील

रिपोर्ट दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक की समयसीमा तय

बदनावर डेस्क

पुलिस थाना बदनावर में नए कानून जागरूकता एवं प्रचारप्रसार को लेकर जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया।1 जुलाई से भारत में नए कानून व्यवस्था की शुरुआत हुई है। आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो गए हैं। एफ आई आर दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक की समय सीमा सीमा तय हो गई है । आम लोगों को समय सीमा में न्याय मिलने से आम लोगों में न्यायालय के प्रति विश्वास बढ़ेगा। वर्तमान में किसी भी मामले में वर्षों इंतजार करने के बाद भी सजा की बजाय तारीख पे तारीख मिलती थी पर अब आरोपी की पहली सुनवाई के प्रारंभ से 60 दिनों के भीतर आरोप तय किये जायेगें। आरोप तय होने की तारीख से 90 दिवस पुरे होने के बाद अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही शुरू हो जाएगी। नवीन कानुन में कुछ पुरानी धारा जो नवीन धारा में परिवर्तित हुई है जैसे हत्या 302 आईपीसी के स्थान पर 103 बीएनएस, दहेज के लिये मृत्यु 304 बी आईपीसी के लिये सजा के स्थान पर 80 बीएनएस,बलात्कार की सजा 376 आईपीसी के स्थान पर 64बीएनएस, धोखाधडी के लिये सजा 420 आईपीसी केस्थान पर 318 बीएनएस आदि आदि में बदलाव कियागया।

बदनावर थाना प्रभारी दीपक सिंह चौहान ने बताया की पुलिस थाना बदनावर में नए कानून जागरूकता एवं प्रचार7:145015%प्रसार को लेकर जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। आयोजन में पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, नपा अध्यक्ष मीना शेखर यादव, एसडीम दीपक चौहान, तहसीलदार सुरेश नागर, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मोर, उपस्थित थे।

राजवर्धन सिंह दत्तिगांव ने अपने उद्बोधन में कहा कि अग्रेज चले गए और अंधा कानून छोड़ गए। आज से 64 वर्ष पूर्व अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के अनुसार कानून बनाया था। देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमत्री अमित शाह की दूरदृष्टि से आज अंधा कानून समाप्त हो गया। और देश में नई कानून व्यवस्थाएं लागू की गई। 1880 में क्या जमाना था क्या परिस्थितियों थी। अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए, कानून को बदलने में 64 वर्ष लग गए। समय पर न्याय नहीं मिलने पर व्यक्ति परेशान हो कर या तो हिम्मत हार जाता था या समझौता कर लेता है। नए कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे और तारीख पे तारीख के दिन लद जाएंगे है।थाना प्रभारी बदनावर दीपकसिंह चौहान ने नवीन कानून मे हुए बदलाव, महिला संबंधी अपराधो व आतंकवादी गतिविधियो व संगठित अपराध की धाराओ को नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 मे जोडा जाने, संबंधी पुराने कानुन दण्ड के सिद्धांत पर आधारित थे। जिन्हे भारत सरकार द्वारा बदल कर नये कानुन भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेकर आए हे उक्त नवीन कानुन भारत के नागरिकों के न्याय के सिद्धांतकानून में हुए बदलाव, महिला संबंर्थी अपरार्धा व आतंकवादी गतिविधियो व संगठित अपराध की धाराओ को नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 मे जोडा जाने, संबंधी पुराने कानुन दण्ड के सिद्धांत पर आधारित थे। जिन्हे भारत सरकार द्वारा बदल कर नये कानुन भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेकर आए हे उक्त नवीन कानुन भारत के नागरिकों के न्याय के सिद्धांत पर आधारित है। नपा अध्यक्ष मीना यादव एसडीएम दीपक चौहान सब इंस्पेक्टर निशा प्रजापत ने भी संबोधित किया।नवीन कानून अधिनियम 2023 के विशेष बिन्दुभारतीय दण्ड संहिता 1860 को अब भारतीय न्यायसंहिता 2023 (BNS) के नाम से जाना जाएगा।भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 को अब भारतीयनागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के नाम से जानाजाएगा। सबके साथ समान व्यवहार, कानुन दण्ड केसिद्धांत नही न्याय के सिद्धांत पर आधारित होंगे।पीडित को मिलेगा त्वरित न्याय। महिलाओं और बच्चोंके विरूद्ध अपराधों को एक ही समेकित किया गया है।18 वर्ष से कम उम्र की युवती के साथ गैंग रेप करनेवालो को मृत्युदंड, महिला से शादी का झांसा देकरशारीरिक संबंध बनाने या पहचान छुपाकर विवाह करनेपर 10 वर्ष की सजा। घटना के सभी साक्षीगणो केबयानो की भी होगी विडियो रिकार्डिंग। कुछ छोटेअपराधों में सामुदायिक सजा का प्रावधान कर कईअपराधों में सजा व जुर्माना बढाया गया है।

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