बदनावर/ डेस्क
बच्चे राष्ट्र की धरोहर उनकी सुरक्षा सर्वोपरी यह मानना हैं पुलिस अधीक्षक जिला धार श्री मनोज कुमार सिंह का इसी को दृष्टिगत रखते हुये जिले के निजी स्कूल बसों एवं बच्चों को लाने ले जाने वाले चार पहिया वाहनों की चैकिंग का अभियान शुरू किया गया । गौरतलब हैं कि ग्रीष्मकालिन अवकाश खत्म होने के बाद समस्त स्कूलों में शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ हो गया हैं, साथ ही वर्षा ऋतु प्रारम्भ हो गयी हैं ऐसे में आवश्यक हैं कि स्कूली बच्चों को लाने ले जाने वाली स्कूल बसें दुरूस्त हो इनमें खराबी के कारण बच्चों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो, इसी बात को ध्यान में रखते हुये पुलिस अधीक्षक जिला धार श्री मनोज कुमार सिंह ने समस्त थाना प्रभारियों को स्कूल बसों को चैक करने हेतु निर्देशित किया हैं । इसी तारतम्य में बदनावर नगर में शुक्रवार को थाना प्रभारी बदनावर निरीक्षक दीपक सिंह चौहान, यातायात प्रभारी बदनावर अनुभाग सुबेदार नितेश राठौर द्वारा नगर एवं समीप के निजी स्कूल के बस संचालक एवं स्कूल बस के चालकों की मिटींग आयोजित की गयी जिसमें उन्न्ती स्कूल, आईजी पब्लिक स्कूल, अम्बिका स्कूल, कश्चप विघापिठ, जैन पब्लिक स्कूल, प्रताप विघानिकेतन स्कूल के बस संचालक व चालक उपस्थित रहें ।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के निर्देशन पर स्कूल संचालकों एवं बस ड्राइवरों को दी गई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पालन करने की हिदायत दी गयी ।
स्कूल बस सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन निम्नानुसार हैं
- स्कूल बस में पर्याप्त सुरक्षा उपकरण तथा सीट बेल्ट’ प्राथमिक सहायता बॉक्स’ अग्निशामक यंत्र, गति नियंत्रक(स्पीड गवर्नर) एवं जीपीएस इत्यादि होने चाहिए।
- बस चालक को कम से कम 5 वर्ष का अनुभव तथा वैध लाइसेंसधारी होना चाहिए।
साथ ही वह प्राथमिक चिकित्सा एवं जोखिम से निपटने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए - स्कूल बस का रंग गोल्डन पीला होना चाहिए जिससे वह दूर से पहचानी जा सके तथा बस के आगे वह पीछे “स्कूल बस” स्पष्ट अक्षरों में अंकित होना चाहिए
- स्कूल में रोड सेफ्टी क्लब के माध्यम से बच्चों को सुरक्षित परिवहन एवं सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए बच्चों को बस में सुरक्षित प्रकार से चढ़ने उतरने तथा सड़क पार करने के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
- बस के समीप जहां से आप चालक को ना दिखाई दें ऐसे ब्लाइंड स्पॉट/डेंजर जोन के बारे में चालक परिचालक शिक्षकों तथा बच्चों को अवगत कराया जाना चाहिए।
- स्कूल वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होना चाहिए।
- स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
- स्कूल वाहन में कैमरे अनिवार्य रूप से चालू रहना चाहिए।
- स्कूल वाहन में ड्राइवर के अलावा दो लोगों का स्टाफ जरूरी है।
- स्कूल वाहन में जीपीएस होना चाहिए।
- स्कूल वाहन स्टाफ के पास पिकअप और ड्राप किए जाने वाले बच्चों की सूची होना जरूरी है।
- वाहन में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होना चाहिए।
- समस्त स्कूलों में एक ट्रांसपोर्ट कमेटी को गठन होना आवश्यक हैं ।
- स्कूल बसों में अधिकतक 50 की स्पीड हो सकती हैं ।
- स्कूल बसों द्वारा किसी भी तरह के आदेश की अव्हेलना पर 2000 रू का जुर्माना किया जा सकता हैं ।
अभियान में प्रारंभिक स्तर पर सुरक्षा संबंधी सभी निर्देशों के बारे में स्कूलों में पंपलेट वितरित कर स्कूल संचालकों एवं स्कूल के बस ड्राइवरों समझाइश दी गई है अभियान के आगामी दिनों में इन बिंदुओं पर सुरक्षा संबंधी निर्देशों का पालन न होने की स्थिति में वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।