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कलेक्टर, s d m के प्रति ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, बलराम धाम में बन रहे उद्यान की भूमि आवंटन निरस्त करने की मांग

प्रशासन की मनमानी नहीं चलेगी, खेडा ग्राम पंचायत की जमीन वापस दो

नगर प्रशासन मुर्दा बाद, प्रशासन होश में आओ के नारे लगाते हेुए ग्रामीणों ने ज्ञापन सौपा

बलराम धाम पर निर्माणाधीन उधान को लेकर खेड़ा के ग्रामीणों ने किया विरोध

चीफ एडिटर/ महेश पाटीदार

ग्राम पंचायत खेडा की भूमि अवैधानिक तरीके से अनुविभागीय अधिकारी व कलेक्टर द्वारा नगर परिशद को आंबटित किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। अवैधानिक तरीके से पंचायत की भूमि नगर परिशद को आबंटित करने पर ग्रामीणों में प्रशासन एवं नगर परिशद के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। ज्ञापन देने के दौरान प््राशासन की मनमानी नहीं चलेगी, ग््रााम पंचायत की जमीन वापस दो, वापस दो, नगर प्रशासन मुर्दाबाद, प्रशासन होश में आओ, नगर परिशद होश में आओ, प्रशासन होश में आओं के नारे लगाए। ज्ञापन देने के ग्राम पंचायत सरपंच सहीत बडी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

अनुविभागीय अधिकारी बदनावर एवं कलेक्टर धार द्वारा अवैधानिक तरीका अपनाकर ग्राम पंचायत खेडा की नागेश्वर स्थित बलराम धाम वाली भूमि नगर परिशद का आबंटित कर दी गयी। जिस पर बिना ग्राम पंचायत की अनुमति के नपं ने ढाई करोड रु खर्च कर उधान तैयार किया जा रहा है। तथा कई अन्य बेश कीमती भूमि के लिए प्रस्ताव बनाकर अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। नगर परिशद अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर से अपने प्रभाव के सहारे नगर ग्राम पंचायत खेडा की भूमि पर जबरन अतिक्रमण कर कब्जा करने की योजना पर ग्राम खेडा के रहवासियों में काफी आक्रोश है।

ग्राम पचंायत खेडा सरपंच योगेश मुकाती के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोपा गया। जिसमें बताया कि ग्राम पंचायत खेडा की भूमि नागेश्वर धाम में बलराम धाम पर भूमि स्थित है। जिसे कलेक्टर द्वारा बदनावर नगर परिशद को अवैधानिक रुप से आबंटित किया गया। जो कि नियम विरुध है। उक्त भूमि के लिए ग्राम पंचायत से किसी भी प्रकारी की सहमती नहीं ली गई। कलेक्टर धार एवं अनुविभागीय अधिकारी बदनावर द्वारा अवैधानिक रुप से गोपनिय तरीके से रिर्पोट बनाकर ग्राम खेडाी की शासकीय भूमि को नगर परिशद बदनावर को आबंटित किया गया है। ग्रामीणों को भूमि आबंटन की जानकारी मिलने पर प्रशासन के प्रति भारी आक्रेाष देखा गया। आठ दिन के भीतर आबंटन निरस्त किया जाकर सार्वजनिक रुप से कलेक्टर धार एवं अनुविभागीय अधिकारी सार्वजनिक सूचना जारी करे।

निचे लिखे बिंदूओ पर भी राजस्व मंत्री, नगरीय निकाय मंत्री, नेता प्रतिपक्ष उमंगजी सिंघार, कमिश्नर इंदौर संभाग, कलेक्टर धार एवं एसडीएम बदनावर का ध्यान आर्कशण हेतु निवेदन किया गया।

नगर परिशद द्वारा मनमाने तरीके से ग्राम पंचायत खेडा अंर्तगत राजस्व की शासकीय जमीनों को बिना ग्राम पंचायत के संज्ञान में लाये और पंचायत की अनापति प्राप्त किए अवैधानिक तरीके से भूमि का आबंटन करवाया जा रहा है। जिस पर पंचायत को घोर आपति है।नगर परिशद द्वारा जितनी भी खेडा की शासकीय भूमियों की मांग की जा रही है उक्त भूमि ग्राम पंचायत क्षेत्र की है। इन भूमियों को लेकर ग्राम पंचायत का आपत्ति है। पंचायत द्वारा ग्राम विकास हेतु उक्त भूमियों पर विकास योजना तैयार की जा चूकि है। उक्त भूमि किसी भी स्थिती में नगर परिशद को आबंटित नहीं की जाए।

न्गर परिशद द्वारा अपने लाभ के लिए ग्राम पंचायत खेडा में अतिक्रमण किया जा कर राजस्व की बैश कीमती भूमियों को हथियाने हेतु कार्य योजना तैयार की गई है। जो कि नियम विरुध है।

ग्राम पंचायत खेडा नगर परिशद द्वारा मांगी गई भूमियों को लेकर विरोध दर्ज करवाती है।यदि कलेक्टर व एसडीएम बदनावर द्वारा नगर परिशद के इस अवैधानिक कार्य को तत्काल रोका जाए। एक सप्ताह में भूमि आबंटन निरस्त किया जावे। और जो भूमियां मांगी गई है। वह कार्यवाही स्थगीत करे। यदि कलेक्टर व एसडीएम द्वारा ग्राम पंचायत खेडा की भूमि नगर परिशद बदनावर को आबंटित की जाती है। तो ग्राम पंचायत खेडा के ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन हेतु बाध्य होना पडेगा। जिसकी संपूण जिम्म्ेदार प्रशासन एवं नगर परिशद की रहेगी। ज्ञापन का वाचन रवि पाटीदार ने किया।

ग्राम पंचायत खेडा सरपंच योगेश मुकाती का कहना है कि कलेक्टर ने नगर परिशद को गलत तरीके व गलत मंशा से ग्राम खेडा की बेश कीमती जो भूमि आबंटित की उसका आबंटन निरस्त किया जाए। क्योंकि यह भूमि बिना सूचना के छीनी जा रही है। उसके आबंटन में ग्राम पंचायत को आपति है। तथा आठ दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है। ग्राम पंचायत द्वारा आबंटित भूमि को लेकर कोई एनओसी जारी नही की गई है।

एसडीएम दीपकसिंह चौहान का कहना है खेडा के ग्रामीणों द्वारा नगर परिशद को आबंटित भूमि को लेकर आपति दर्ज करायी है। नगर परिशद को जो भूमि आबंटित की गई है उस पर ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार की जा चुकी हे। आबंटित भूमि में ग्राम पंचायत की सहमती नहीं ली गई है। एसडीएम ने आगे कहा कि ग्राम पंचायत की एनओसी अनिवार्य होती है। किसी भी क्षेत्र में विकास हेतु आबंटित भूमि की जाती है। उसमें समस्त विभाग एवं आसपास की गांव सहित संबधीत ग्राम पंचायत की एनओसी लेना जरुरी होती है।

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