विधायक भंवरसिंह शेखावत के सानिध्य में 22 जुलाई को युवाओं द्वारा सोया प्लांट के विरुध किया जायेगा आंदोलन
सोया प्लांट में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने से युवाओं में रोष
एशिया का सबसे बडा सोया व्लांट स्थापित होने के बाद भी रोजगार के लिए भटकते युवा
बदनावर/ डेस्क
बदनावर। किसी भी क्षेत्र में कोई उधोगपति उधोग स्थापना के पहले क्षेत्र वासियों को बडी बडी योजना बताता है। क्षेत्र के स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कहते हे। क्षेत्र के कलेक्टर व एसडीएम अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने तक रहवासियों को खुब लालीपॉप देते हेै। उधोग लगेगा तो रोजगार मिलेगा, लोगों का धंधा बडेगा, उधोगपति गांव में सडके बनायेगा, स्कूल शिक्षा में सहयोग करेगा, स्कूल में आपके ही बच्चे पढ कर शिक्षित होंगें। ऐसे ही ख्वाब ग्राम खेरवास, धमाना, काछीबडोदा, कल्याणपुरा, मियाखेडी, खेडा, करोदा सहीत कई गांव के लोगों को सोया प्लांट उधोगपति व अधिकारियों ने दिखाये थे। किंतु एशिया का सबसे बडा सोया व्लांट ग्राम खेरवास में स्थापित होने के बाद क्षेत्र के लोग रोजगार के लिए भटकते देखे गए।
सोया प्लांट प्रबंधन द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जाने से क्षेत्र की जनता में काफी आक्रोश देखा गया। रोजगार से वंचित युवाओं द्वारा क्षेत्रिय विधायक भंवरसिंह शेखावत को सोया प्लांट की शिकायत की गयी। आसपास की ग्राम पंचायतों के युवाओं द्वारा विधायक भंवरसिंह शेखावत के सानिध्य में 22 जुलाई कोसोया प्लांट से आ रही समस्याओं को लेकर सोया प्लांट के समक्ष आंदोलन किया जाएगा।
सोया प्लांट के प्रबंधन द्वारा स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया गया। जिसकी वजह से स्थानीय युवाओं में काफी रोष है। युवाओं द्वारा लगातार विधायक भंवरसिंह शेखावत को शिकायत की जा रही है। कई पढे लिखे एवं होनहार युवाओं द्वारा रोजगार हेतु बायो डाटा सोया प्लांट में दिया गया, किंतु लंबा समय बीतने पर भी युवाओं को काम नही मिला। काम नहीं मिलने से क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं में सोया प्लांट के प्रति नाराजगी बढती जा रही है।
युवाओं का कहना है कि प्लांट के लिए भूमि चयन से लेकर निर्माण तक कंपनी एवं अधिकारियों ने भरोसा दिलाया गया था कि कंपंनी में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा। लेकिन ऐसा धरातल पर नहीं हुआ। प्लांट के आसपास लगने वाली ग्राम पंचायतों के युवाओं को दरकिनार किया गया। प्लांट में काम करने के लिए प्रदेश के बहार के लोगों को मौका दिया गया।स्थानीय लोगों को रोजगार से वंचित किया गया। अपने ही क्षेत्र में एशिया का सबसे बडा सोया प्लांट होने के बावजुद स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने के कारण युवाओं में काफी नाराजगी है।
मजदूरों का शोषण- जो स्थानीय काम पर लगे है उनका सोया प्लांट प्रबंधन द्वारा शोषण किया $जा रहा है। कम वेतन देकर अधिक काम लिया जाने की शिकायत मिली है, तथा शासन के नियमानुसार सुविधा नहीं मिल पायी है। साथ ही स्कूल एवं शिक्षा के प्रति कोई रुचि नहीं दिखायी। इसके अलावा फैक्ट्री के लिए लायी गई बडी बडी मशीनरी के कारण सडक खराब होने के बावजुद इस और ध्यान नहीं दिया गया
बारिश का जल जमाव से बिमारियां पनप रही है- सोया प्लांट प्रबंधन द्वारा बारिष के पानी की निकासी की व्यवस्था सुव्यवस्थित नही करने से बडी मात्रा में जल जमाव की समस्या से ग्रामीण परेषान है। चारों और गंदगी फैली पडी होने से कई बिमारियां भी पनप रहीं है। पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान एक किसान के खेत में पानी भरने की शिकायत मिलने पर तहसीलदार द्वारा मौके पर पहुॅच कर पानी की निकासी करवायी गई थी।
विधायक भंवरसिंह शेखावत का कहना है कि सोया प्लांट के विरुध बेरोजगार युवाओं में काफी नाराजगी है। क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं द्वारा बार बार आवेदन करने पर भी रोजगार नहीं दिया गया। सोया प्लांट से होने वाली समस्याओं एवं स्थानीय लोगों को रोजगार नही देने के विरोध में 22 जुलाई को आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। किसी भी स्थिती के लिए कपंनी ही जिम्मेदार रहेगी। इस संबंध में सूचना शासन प्रशासन एवं पुलिस को भी दी जाएगी। कपंनी के कार्डिनेटर को फोन लगाकर सूचना दी गई है कि 22 जुलाई को हजारों युवाओं एवं कार्यकर्ता द्वारा आंदोलन किया जाएगा।