चकरे का खेला, बड़ा अलबेला
बदनावर न्यूज़/ चीफ एडिटर
आज हम बात करते हैं बदनावर तहसील के ग्राम कोद की जहां पर सोशल मीडिया के माध्यम से एक महिला ने साहस दिखाया और किचन से निकलकर सोशल मीडिया तक पहुंचे उक्त महिला ने सोशल मीडिया पर चक्रे के खिलाफ अभियान चलाकर बहुत ही साहस का काम किया है महिला के साहस को लेकर एक और ग्रामीणों द्वारा प्रशंसा की जा रही है वहीं चक्र के गेम में लिफ्ट लोगों के बीच भाई का वातावरण बन गया हे।
महिला ने अपने विरोध मे जताया है कि बदनावर विधानसभा का सबसे बड़ा गांव कोद माना जाता है गांव कोद में चकरा बैलेंस डालने वालों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि कि घर की औरतों के मना बोलने पर भी लोग लाख रुपए का बैलेंस डाल देते हैं । और इससे भी कुछ भी नहीं होता है तो उधार लेकर भी डाल देते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इस चक्कर में किसी के बीवी बच्चों को कुछ हुआ है तो उसकी जवाबदारी कौन लेता है। वह खुद या उनके घर वाले जो उनका सपोर्ट कर रहे हैं उन्होंने प्रशासन को लेकर भी कहा है कि जब प्रशासन को यह सारी चीज पता है तो क्यों बंद नहीं करवा रही है । आए दिन लोग चकरे का शिकार बन रहे हैं । और जब उन पर ज्यादा कर्ज हो जाता है तो फांसी लगाकर हत्या कर लेते हैं ऐसे पहले भी गांव कोद में घटना हो चुकी है। आज की युवा पीढ़ी इस चकरे का शिकार होती जा रही है। कमीशन के चक्कर में अपनी जान तक गवा देते हैं अब देखना होगा कि महिला ने साहस दिखाकर जो मामला उजागर किया है उसको लेकर पुलिस प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। क्या चक्र का गेम कोद में बंद होता है या निरंतर जारी रहता है क्या प्रशासन करवाई करेगा या कोद में चकरे मे कई जिंदगियां घूमती रहेगी।
इस संबंध में एसडीओपी बदनावर शेर सिंह भूरिया का कहना है कि ऐसी कोई गतिविधि हो रही है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी