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नानी बाई का मायरा ऐतिहासिक आयोजन रहा 

नानी बाई का मायरा आयोजन में श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया

बदनावर। बुधवार को चार दिवसीय नानी बाई का मायरा एवं रुक्मणी मंगल कथा समापन हुआ । अंतिम दिन भगवान द्वारकाधीश, बैलगाड़ी में सवार होकर, श्री बैजनाथ महादेव मंदिर पहुंचे, नरसी मेहता के विश्वास पर द्वारकाधीश ने नानी बाई के यहां पर 56 करोड रुपए का मायरा भरा। बारातीयों का स्वागत प्रेरणा दीदी किन्नर ने फरियाली खिचड़ी खिला कर किया। एवं मायरा में सोने की अंगूठी दी। नगर में इस प्रकार का भव्य आयोजन पहली बार होने से लोगों को बैलगाड़ी एवं नरसी मेहता को देखने की उत्सुकता रही।

सर्वप्रथम जवाहर मार्ग स्थित कन्याशाला से भगवान द्वारकाधीश, राधा, रुक्मणी, सुसज्जित बैलगाड़ी में सवार हुवे। दूसरी बेलगाड़ी में नरसी मेहता अपने परिवार के साथ जांझ मजीरा बजाते हुए चले,  कथा वाचक पंडित रमेश चंद्र अग्निहोत्री बग्गी में सवार थे।  आयोजन के दौरान हजारो श्रद्वालुओं ने सहभागिता कर एतिहासिक रुप दिया। बैलगाड़ी में स्मिता शर्मा नानी बाई, ऋतु माहेश्वरी कृष्ण, सपना पँवार रुक्मिणी, मोना सोलंकी राधा, सुनीता डोडिया ने नरसिंह मेहता का रूप धारण किया। 

मायरा में विधायक भंवरसिंह शेखावत, पूर्व उधोगमंत्री राजर्वद्वनसिंह दतीगांव, नपं अध्यक्ष मीना शेखर यादव, दुर्गाधाम परिवार के मनीश भैय्या, महेद्रसिंह सक्तावत, प्रेरणा दीदी किन्नर,

दिनेश गिरवाल, मुकेश होती, भी शामिल हुए।

 शोभायात्रा जवाहर मार्ग कन्याशाला स्कूल परिसर से शुरु हुई। जो मोदी चौराहा, कचहरी चौक, सोमेश्वर चौराहा, पिपलेश्वर मंदिर, अंबेडकर चौराहा, बस स्टेंड होकर बैजनाथ महादेव मंदिर परिसर पहॅची। मामेरे में डीजे, 11 ढोल, ताशे, बेंड बाजे के साथ दो सुसज्जीत बैलगाडी के साथ हजारो श्रद्वालु शामिल हुए। मामेरे में एवरग्रीन ग्रुप, माहेश्वरी महिला मंडल, बैजनाथ महिला मंडल ने ग्रहस्थी का सामान, दैनिक उपयोगी सामग्री, सोना, चांदी के जेवरात, कपडे, ड्रायफ्रुट, फल, बर्तन एवं ग्रहस्थ जीवन में उपयोगी सामग्री 101 टोकरी में भरकर 7 सुस्जित हाथ ठेला गाड़ी में लेकर नगर में शोभा यात्रा निकाली।

20 से अधिक संस्थाओं ने किया स्वागत

नानीबाई का मायरा भरने हेतु निकाली गयी शोभायात्रा का महाकाल मंडल, विजय मंत्री मित्र मंडल, मॉ एकवीरा सेवा समिति, कांग्रेस पार्टी, भाजपा नगर मंडल, नगर परिषद, रसूल भाई चांदाभाई, सर्वेश मंडलेचा मित्र मंडल, दुर्गाधाम परिवार, संजीव अग्रवाल, राजपूत समाज, ब्राहमण समाज, माहेश्वरी नवयुवक मंडल, मोदी चौराहा ग्रुप, सहीत कई संस्थाओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। साथ ही जगह जगह संस्थाओं ने जलपान एवं स्वल्पहार की व्यवस्था कर अगवानी की। प्रेरणा दीदी की और से कथा स्थल पर फरियाली खिचडी वितरण की गई। शोभा यात्रा में महिलाओं ने एक कलर की साड़ी पहन कर ढोल डीजे एवं बैंड बाजे पर नृत्य किया। जवाहर मार्ग से अंबेडकर चौराहे तक मार्ग को सजाया गया। बैलगाड़ी उतर भगवान कृष्ण, रुक्मणी एवं राधिका कथा स्थल पर पहुंचे जहां पर विधि विधान के सथ आचार्य संजय कृष्ण शास्त्री द्वारा पूजन करवाया। बाद में मामेंरे की वस्तु नानी बाई बनी, स्मिता पंकज शर्मा को दी गई।

संस्था सजन के प्रयास सराहनीय योगदान रहा

नानीबाई का मायरा प्रसंग के दौरान सांवरिया सेठ ने 56 करोड का मायरा भरा। मायरा भरने के दौरान महीला भावविभोर हो गई । जब सांवरिया सेठ मायरा लेकर आए तब कथावाचक पं रमेशचंद्र अग्निहोत्री एवं उपस्थित मातशक्ति की आंखो से आश्रुधारा बह निकली, पुरा पांडाल भावविभोर होकर नानीबाई बनी स्मति शर्मा को निहार रहे थे। नानीबाई की आंखो से आसु छलक आए! इसके आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संगठनों को सम्मानित किया गया।

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